चलो रे चलो सब चलो रे तिजारा देखंगे अनुपम भव्य नजारा,
मिले संत समागम और प्रभु का भजन,
पुलक सागर जी गुरु वर का हुआ आगमन,
कण कण पावन है मन बावन चंदा प्रभु का ये धाम है निराला,
आके जहा जो दीप जलाए होता है उसके जीवन में उजाला,
सबको देता है वो मन चाह वर्धन है ये दाता बड़ा दयावान है,
इस तीरथ में आये जो गुरु वर छाए है खुशिया देहरे में घर घर,
फुला खुशियों से सारे ही भगतो का मन,
पुलक सागर जी गुरु वर का हुआ आगमन
अशेकारी संकट हरी जन जन के मन में वसेरा प्रभु का,
धरती माँ की गोद में आये गेहरा तेजारा में डेरा प्रभु का,
भूत प्रेताए बदाये यहाँ नशत हो दूर यहाँ नव ग्रहो के इष्ट हो,
पुनए से झोली भर ले जाए पुलक गुरु के दर्शन पाओ,
नाचो गुरुवार की भगती में होक मगन,
पुलक सागर जी गुरु वर का हुआ आगमन,
धरती अम्बर चाँद सितारे करते पुलक सागर गुरुवर का बंधन,
जिस पर भी पग पड़ती है पलके विछाये भगत करते अभिनन्दन,
जिनके चरणों की रज भी महान है ऐसे गुरु को शत शत परनाम है,
पुलक गुरु की महिमा गा कर श्री शरनो में शीश झुका कर,
चलो धन्ये धन्ये करले हम अपना जनम,
पुलक सागर जी गुरुवर का हुआ आगमन,
– श्रेणी जैन भजन